मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ
(जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग, बांदा द्वारा परिवाद संख्या 69 सन 2016 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 12.10.2020 के विरूद्ध)
अपील सं0-398 सन 2020
1. यूनियन आफ इण्डिया द्वारा जनरल मैनेजर, नार्थ सेण्टर रेलवे, सबदरगंज, इलाहाबाद अब प्रयागराज 211001
2. डिवीजनल रेलवे मैनेजर नार्थ सेण्टर रेलवे, झांसी डिवीजन, झांसी ।
.......अपीलार्थी/प्रत्यर्थी
-बनाम-
आकांक्षा सामदेव पुत्री श्री कुलदीप कुमार सामदेव निवासी अलीगंज, पोस्ट आफिस बांदा 210001 जिला बांदा उ0प्र0 ।
. .........प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष ।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री बृजेश कुमार शुक्ला।
प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री विद्यासागर द्विवेदी ।
दिनांक:- 01-06-2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग, बांदा द्वारा परिवाद संख्या 69 सन 2016 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 12.10.2020 के विरूद्ध योजित की गयी है।
संक्षेप में परिवाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादिनी ने दिनांक 16.12.2015 को झांसी एस0बी0सी0 ट्रेन संख्या 22692 से बंग्लौर राजधानी एक्सप्रेस का पीनएनआर संख्या 2641094276बी-05-10 टिकट बुक कराया था तथा झांसी बोर्डिंग स्टेशन से उसने दूसरा टिकट बांदा एन0सी0आर0 से झांसी तक का दिनांक 15.12.2015 को सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 12447 से यात्रा किए जाने हेतु बुक कराया था। ट्रेन संख्या 12447 दिनांक 15.12.2015 को बांदा जंक्शन पर एक घंटा विलम्ब से आयी और बांदा से झांसी की यात्रा के दौरान तीन घण्टे से अधिक विलम्ब से पहुंची जिस कारण बंग्लौर राजधानी एक्सप्रेस, जिससे उसे आगे की यात्रा करनी थी और टिकट आरक्षित था, झांसी पहुचने से पहले ही चली गयी और परिवादिनी चतुर्दिवसीय कर्नाटका स्टेट डेण्टल काउन्सिल के सेमिनार में भाग लेने से वंचित रह गयी । अत: परिवादिनी ने क्रय किए कए टिकटों का मूल्य एवं क्षतिपूर्ति प्राप्त करने हेतु परिवाद योजित किया ।
विद्वान जिला फोरम के सम्मुख प्रस्तुत परिवाद में अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा लिखित कथन प्रस्तुत किया गया जिसके माध्यम से परिवादपत्र में वर्णित अधिकांश कथनों का खण्डन किया गया साथ ही अतिरिक्त कथन में यह कहा गया कि दिनांक 15.12.2012 को गाड़ी संख्या 12447 सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस अपरिहार्य कारणों से झांसी जंग्शन पर विलम्ब से आयी थी तथा विलम्ब का समय 2 घण्टे 17 मिनट अंकित किया गया जबकि परिवादिनी द्वारा विलम्ब का समय 3 घण्टा के से अधिक कहा गया ।
विपक्षी द्वारा अपने लिखित कथन में इस तथ्य का भी अंकन किया गया कि रेल प्रशासन किसी भी गाड़ी को समय पर चलने व पहुंचने की गारण्टी नहीं देता है, इसलिए प्रशासन को किसी भी दशा में दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। यह भी कथन किया गया कि रेल प्रशासन सूचना पटल पर निरंतर यह दर्शाता है कि गाड़ी अपने समय से न चलकर विलम्ब से चल रही है जिसकी सूचना स्टेशनों पर उदघोषित की जाती है।
परिवादिनी/विपक्षी की ओर से उपस्थित अधिवक्ता श्री विद्यासागर दुवे द्वारा कथन किया गया कि परिवादिनी बांदा जंक्शन से झांसी के लिए उपरोक्त सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस से झांसी से राजधानी ट्रेन पकड़ने हेतु यात्रा पर थी अत: उसे किसी भी दशा में विपक्षी के इस कथन का ज्ञान नहीं हो सकता कि रेल प्रशासन सूचना पटल पर निरंतर गाड़ी के विलम्ब से चलने के बारे में सूचना उदघोषित कर रहा है।
प्रश्न यह है कि जब कोई यात्री किसी गाड़ी में सफर कर रहा है तो उसे रेलवे स्टेशन पर उदघोषित की गयी सूचना किस प्रकार प्राप्त हो सकती है। चूंकि परिवादिनी को आवश्यक प्रशिक्षण कार्य से बंग्लौर पहुंचना था, जिसे हेतु उसने राजधानी एक्सप्रेस से अपनी यात्रा हेतु झांसी से बैग्लौर का आरक्षण कराया था परन्तु 3 घण्टे के विलम्ब से सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस के झांसी पहुंचने के कारण परिवादिनी की आगे की यात्रा हेतु राजधानी एक्सप्रेस मिस हो गयी अर्थात सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस के झांसी पहुंचने से पूर्व ही राजधानी एक्सप्रेस झांसी से अग्रिम स्थल हेतु प्रस्थान कर गयी। उपरोक्त कारणों से परिवादिनी को आगे की यात्रा में न सिर्फ असुविधा हुयी बल्कि उसे अपना प्रशिक्षण कार्य के लिए बैंग्लौर पहुचने में विलम्ब हुआ जिस हेतु उसके द्वारा विद्वान जिला फोरम के सम्मुख परिवाद प्रस्तुत किया तथा परिवाद में निम्न अनुतोष प्रदान किए जाने की प्रार्थना की :-
1. यहकि परिवादकर्ती को रेल टिकटों का मूल्य 3025.00 एवं 1115.00 कुल रू0
4140.00 रू0 विपक्षीगण से दिलाया जावे।
2. यहकि परिवादकर्ती को प्रतिवादीगण से मानसिक, आर्थिक व शारीरिक क्षति की
क्षतिपूर्ति के रूप में 20,000.00 रू0 दिलाया जावे।
3. यहकि परिवादकर्ती को प्रतिवादीगण से वाद व्यय एवं फीस अधिवक्ता रूप
10,000.00 दिलाया जाए।
4. यहकि परिवादकर्ती को प्रतिवादीगण से अन्य कोई प्रतिकर जो आदरणीय फोरम
उचित, समझे दिलाया जाए।
जिला फोरम द्वारा समस्त तथ्यों को विस्तृत रूप से अंकित करते हुए तथा परिवादपत्र में वर्णित तथ्यों को ध्यान में रखते हुए परिवाद को आंशिक रूप से स्वीकार किया तथा विपक्षीगण/अपीलार्थी को आदेशित किया कि वह 12.10.2020 की तिथि से एक माह के अन्दर परिवादिनी/प्रत्यर्थिनी को झांसी से बंग्लौर तक का राजधानी एक्सप्रेस का किराया मु0 3025.80 रू0 अदा करे साथ ही अपीलार्थीगण परिवादिनी को रू0 10,000.00 मानसिक क्षतिपूर्ति एवं रू0 1000.00 वाद व्यय के रूप में अदा करें।
मेरे द्वारा उभय पक्ष के अधिवक्ताद्वव को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का परिशीलन तथा परीक्षण करने के उपरांत विद्वान जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की विवेचना करने पर यह पाया गया कि प्रस्तुत अपील में कोई बल नहीं है तथा विद्वान जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय पूर्णत: सुसंगत एवं विवेचित है, जिसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है, अत: अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
सुबोल श्रीवास्तव
(पी0ए0(कोर्ट नं0-1)