जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जांजगीर-चाॅपा (छ0ग0)
प्रकरण क्रमांक:- CC/25/2015
प्रस्तुति दिनांक:- 10/04/2015
सोम कुमार साहू, उम्र 35 वर्श, पिता-घासीराम साहू,
जाति-तेली, निवासी-खेमडा,
थाना व तह. मालखरौदा,
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग. ..................आवेदक/परिवादी
( विरूद्ध )
1. आदित्य राठौर, उम्र -35 वर्श,
पिता-सत्यनारायण राठौर,
प्रोपाइटर-ओम आटो एजेंसी डभरा
निवासी-सक्ती आत्माराम चाल के सामने
(देवभोग स्टेट बैंक के पीछे)
तहसील-सक्ती, जिला-जांजगीर-चाॅपा छ.ग.
2. सुभाश सिदार, उम्र-24 वर्श, पिता-नामालूम
(कार्यालय कर्मचारी ओम आटो एजेंसी सक्ती)
निवासी-सक्ती, तहसील-सक्ती,
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग. .........अनावेदकगण/विरोधी पक्षकारगण
///आदेश///
( आज दिनांक 05/10/2015 को पारित)
1. आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध वाहन मोटर सायकल होण्डा ड्रीम योगा पंजीयन क्रमांक सीजी-11 एम-3761 की आर.सी.बुक, इंष्योरंस पेपर, मानसिक व आर्थिक क्षति तथा वादव्यय 10,000/-रू. एवं अन्य अनुतोश दिलाए जाने हेतु दिनांक 10.04.2015 को प्रस्तुत किया है ।
2. परिवाद के निराकरण के लिए आवष्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि अनावेदक क्रमांक 1 ओम आटो एजेंसी का संचालक है, तथा अनोवेदक क्रमांक 2 ओम आटो एजेंसी में कर्मचारी है । आवेदक दिनांक 19.04.2013 को अनावेदकगण के एजेंसी डभरा में वाहन होण्डा ड्रीम योगा मोटर सायकल क्रय करने गया जहाॅं अनावेदकगण द्वारा उक्त वाहन की कीमत 51,402/-रू. बताए जाने पर आवेदक ने उसके पास 50,000/-रू. होने की बात कही तब अनावेदकगण द्वारा उक्त रकम को जमा कर वाहन सुपुर्द कर षेश रकम को कुछ दिन बाद पटाए जाने पर वाहन के कागजात आर.सी.बुक, इंष्योरेंस व रसीद प्रदान कर दिए जाने की बात कही गई जिस पर विष्वास करते हुए वाहन क्रय किया गया, जिसका कुल योग 58,704/-रू. बताया गया, जिसमें 1,704/-रू. की छुट करते हुए 57,000/-रू. में सौदा तय कर अनावेदकगण द्वारा 50,000/-रू. जमा करा कर रसीद प्रदान कर वाहन सुपुर्द कर दिया गया। आवेदक द्वारा करारित अवधि अनुसार दिनांक 18.09.2013 को षेश रकम 7,000/-रू. अनावेदकगण को प्रदान कर रसीद प्राप्त किया गया तथा आर.सी.बुक व इंष्योरेंस पेपर की मांग की गई, जिस पर अनावेदकगण द्वारा वाहन के दस्तावेज तैयार नहीं हो पाने तथा कुछ समय बाद प्रदान किये जाने की बात कही गई, किंतु आवेदक द्वारा लगातार मांग किए जाने के बाद भी अनावेदकगण द्वारा प्रदान नहीं की गई, तब आवेदक ने थाना डभरा में दिनांक 05.02.2015 को अनावेदकगण के विरूद्ध लिखित षिकायत पेष किया, जिस पर थाना डभरा द्वारा दिनांक 18.02.2015 को धारा-155 द.प्र.सं. पुलिस अहस्तक्षेप अयोग्य अपराध की सूचना प्रदान किया तथा न्यायालय की षरण में जाने का निर्देष दिया गया । इस प्रकार अनावेदकगण द्वारा वाहन के दस्तावेज प्रदान नहीं कर सेवा में कमी किए जाने से परिवादी को आर्थिक, मानसिक क्षति हुई । अतः परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद द्वारा अनावेदकगण से वाहन मोटर सायकल होण्डा ड्रीम योगा पंजीयन क्रमांक सीजी-11 एम-3761 की आर.सी.बुक, इंष्योरंस पेपर, मानसिक, आर्थिक क्षति तथा वादव्यय 10,000/-रू. एवं अन्य अनुतोश दिलाए जाने का अनुरोध किया है।
3. अनावेदकगण/विरूद्ध पक्षकारगण सूचना पत्र तामिल के उपरांत भी उपस्थित नहीं होने से दिनांक 10.07.2015 को उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गई । अनावेदकगण द्वारा जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है ।
4. परिवाद पर आवेदक अधिवक्ता को विस्तार से सुना । प्रस्तुत लिखित तर्क एवं अभिलेख का परिषीलन किया गया है ।
5. विचारणीय प्रष्न यह है कि:-
क्या अनावेदकगण ने आवेदक के वाहन मोटर सायकल पंजीयन क्रमांक सी.जी. 11 एम. 3761 का आर.सी. बुक, इंष्योरंस के दस्तावेज न देकर सेवा में कमी की है ?
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रष्न का सकारण निष्कर्ष:-
6. परिवादी/आवेदक ने परिवाद पत्र के समर्थन में स्वयं का षपथ पत्र तथा सूची अनुसार दस्तावेज ओम आटो चन्द्रपुर रोड, पुरन मैंचिंग हाउस के सामने डभरा की बिल/रसीद दिनांक 19.04.2013, वाहन क्रमांक सी.जी. 11 एम. 3761 का रजिस्ट्रेषन डिटेल, खरीदी इन्वाइस क्रमांक ।भ्ध्टभ्ध्13ध्0544 दिनांक 28.05.2013, बीमा पाॅलिसी दिनांक 21.06.2013 से 20.06.2014 तक, थाना प्रभारी डभरा को की गई षिकायत दिनाक 05.02.2015 तथा थाना डभरा द्वारा धारा 155 दण्ड प्रक्रिया संहिता अंतर्गत दर्ज रिपोर्ट दिनांक 18.02.2015 सभी की फोटोप्रति प्रस्तुत किया है।
7. उपरोक्तानुसार परिवादी ने बताया है कि दिनांक 19.04.2013 को हीरो होण्डा योगा मोटर सायकल अनावेदक क्रमांक 1 के ओम आटो एजेंसी से कुल 57,000/-रू. में सौदा तय कर 50,000/-रू. नगद तथा शेष राषि 7,000/-रू. दिनांक 18.09.2013 को अनावेदकगण को देकर रसीद दिनांक 19.04.2013, जिसमें 50,000/-रू. जमा किया गया तथा दिनांक 18.09.2013 को शेष 7,000/-रू. जमा किया गया उल्लेखित है प्रस्तुत है। इस प्रकार परिवादी ने वाहन होण्डा ड्रीम योगा मोटर सायकल, जिसका चेचीस क्रमांक डम्4श्रब्583।क्8198922 तथा इंजन क्रमांक श्रब्58म्81197936 पंजीयन क्रमांक सी.जी. 11 एम. 3761 को अनावेदकगण से क्रय किया । परिवादी द्वारा परिवाद में बतलाए उक्त तथ्य का खण्डन करने के लिए अनावेदकगण में से कोई उपस्थित नहीं है, फलस्वरूप खण्डन के अभाव में अनावेदकगण के विरूद्ध परिवादी द्वारा दस्तावेजों से समर्थित षपथ पत्र के कथनों से उक्त तथ्यों को स्थापित प्रमाणित किया है।
8. परिवादी का परिवाद अंतर्गत अनावेदकगण के विरूद्ध खरीदी गई मोटर सायकल की पूरी राषि 57,000/-रू. अनावेदकगण को अदा किए जाने के बाद भी मोटर सायकल का आर.सी. बुक तथा बीमा के दस्तावेज नहीं दिया गया है, जिसे दिलाए जाने का निवेदन किया गया है । परिवादी ने खरीदी गई वाहन का पंजीयन का डिटेल तथा बीमा पाॅलिसी की फोटोप्रति प्रस्तुत किया है । इस प्रकार वाहन का पंजीयन तथा बीमा गया गया होना पाया जाता है । आवेदक का यह आक्षेप की मोटर सायकल का आर.सी.बुक मूलतः परिवादी को अनावेदकगण द्वारा प्रदान नहीं किया गया है के खण्डन में कोई तथ्य नहीं है, क्यों नहीं दिया गया यह भी स्पश्ट नहीं हुआ है । परिवादी द्वारा अनावेदक क्रमांक 1 ओम आटो का रसीद क्रमांक 61 दिनांक 19.04.2013 में वाहन की कीमत के साथ आर.टी.ओ. का 3,992/-रू. तथा बीमा पाॅलिसी के लिए 1,260/-रू. परिवादी से प्राप्त किया है । फलस्वरूप अनावेदकगण आवेदक को वाहन का पंजीयन व बीमा कराकर देने का दायित्व लिया था, फलस्वरूप पंजीयन प्रमाण पत्र मूल परिवादी को देने के लिए अनावेदकगण दायित्वाधीन हैं ।
9. परिवादी ने बीमा पाॅलिसी की मूल दिलाए जाने का निवेदन किया है । वाहन दिनांक 19.04.2013 को क्रया किया गया है, प्रस्तुत बीमा पाॅलिसी की फोटोप्रति से 21 जून 2013 से 20.जून 2014 तक के लिए बीमा कराया गया था । परिवादी को वर्तमान समय में बीमा पाॅलिसी की प्रति की वाहन का चालन हेतु जिसे बीमा कराया होगा आवष्यकता होगी।
10. अनावेदकगण ने परिवादी को वाहन क्रमांक सी.जी. 11 एम. 3761 का पंजीयन प्रमाण पत्र (आर.सी. बुक) तथा बीमा पाॅलिसी (इंष्योरेंस पेपर) नहीं देकर परिवादी के विरूद्ध सेवा में कमी की है हम पाते हैं, तद्नुसार विचारणीय प्रष्न का निश्कर्श ’’हाॅं’’ में देते हैं ।
11. परिवादी ने खरीदे गए वाहन का आर.सी. बुक, इंष्योरेंस पेपर दिलाए जाने तथा मानसिक क्षति का 10,000/-रू. दिलाए जाने का निवेदन किया है, जिसके खण्डन में अनावेदकगण का कोई तथ्य नहीं है, फलस्वरूप अनावेदकगण के विरूद्ध प्रस्तुत यह परिवाद हम स्वीकार करते हैं तथा निम्नलिखित निर्देष देते हैं:-
अ. अनावेदकगण वाहन क्रमांक सी.जी. 11 एम. 3761 का पंजीयन प्रमाण पत्र (आर.सी. बुक) तथा बीमा पाॅलिसी (इंष्योरेंस पेपर दिनांक 21 जून 2013 से 20 जून 2014 तक ) का एक माह के भीतर परिवादी को प्रदान करेंगे।
ब. अनावेदकगण, परिवादी को मानसिक क्षति के रूप में 5,000/रू. (पाॅच हजार रूपये) प्रदान करेंगे ।
स. अनावेदकगण, परिवादी को वादव्यय के रूप में 2,000/रू. (दो हजार रूपये) प्रदान करेंगे ।
( श्रीमती शशि राठौर) (मणिशंकर गौरहा) (बी.पी. पाण्डेय)
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