Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/702/2020

DR. S.K. SRIVASTAVA - Complainant(s)

Versus

A.V.S INTERPRISES - Opp.Party(s)

10 Feb 2021

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/702/2020
( Date of Filing : 04 Sep 2020 )
 
1. DR. S.K. SRIVASTAVA
ELDECO COLONY UDYAN-2 RAIBARELI ROAD
...........Complainant(s)
Versus
1. A.V.S INTERPRISES
SHIVPURI COLONY CHOTHI NEHRIA DEVA ROAD CHINAHUT
LUCKNOW
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  ARVIND KUMAR PRESIDENT
  Ashok Kumar Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 10 Feb 2021
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या-702/2020         

 उपस्थित:-श्री अरविन्‍द कुमार, अध्‍यक्ष।   

          श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्‍य।                                          

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-04.09.2020

   परिवाद के निर्णय की तारीख:-10.02.2021

डॉ0 एस0के0 श्रीवास्‍तव 510, उपहार एक्‍सपेंडेबल एल्डिको कालोनी उद्यान-2 रायबरेली रोड, लखनऊ-226025 ।                       .........परिवादी।                                                                                                                                                 

                                                 

                           बनाम            

प्रबंधक/मैनेजिंग डायरेक्‍टर/इंचार्ज ए वी एस इंटरप्राइजेज,  शिवपुरी कालोनी,  छोटी नहरिया,  देवा रोड,  चिनहट,  लखनऊ।             

       ...........विपक्षी।                                               

         

 आदेश द्वारा- श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्‍य।

                           निर्णय                                          

  परिवादी ने प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षी से 4,00,000.00 रूपये एवं 16.700 किलोग्राम का मूल्‍य तथा 36 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ अदा करें। वाद व्‍यय हेतु 15,000.00 रूपये तथा मानसिक एवं शारीरिक कष्‍ट के लिये 4,00,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

    संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा अपने भवन का निर्माण कार्य इन्‍जीनियर चंद्र मोहन पान्‍डेय द्वारा कराया जा रहा था। विपक्षी ए.वी.एस. इंटरप्राइजेज में फैब्रीकेशन का काम किया जाता है। इनके यहॉं से खरीदे जाने वाले सामान लखनऊ के अन्‍य स्‍थानों से खरीदे जाने वाले सामान से महंगे होते हैं जिनके बारे में इनका कहना है कि पाउडर कोटिंग वाले सामान बेचते हैं, जिससे उपभोक्‍ता को बार-बार पेटिंग नहीं कराना पड़ता है। परिवादी का कथन है कि विपक्षी के यहॉं से गेट,  ग्रिल,  जाल एवं अन्‍य सामान अपनी आवश्‍यकता के अनुसार बनवाया जा सकता है। एम0डी0/ए0वी0एस0 जानते हैं कि मेरे मकान का निर्माण कार्य इंजीनियर चन्‍द्र मोहन पाण्‍डेय द्वारा कराया जा रहा था। इंजीनियर चन्‍द्र मोहन पाण्‍डेय ने ही मुझे परिचित कराया था और उन्‍हीं के कहने पर ये उनकी साइट पर सामान भेजते थे, जैसा कि इनके बिलों से स्‍पष्‍ट है, क्‍योंकि मुझसे सीधे तौर पर परिचित नहीं थे, इसीलिये सामान भेजते ही अपने अधीनस्‍थ को भेजकर नकद राशि ले लिया करते थे। दिनॉंक एवं डिटेल के अनुसार वाहन संख्‍या यू0पी0-32-7787 से भेजे गये थे।

 

क्रमांक

दिनॉंक

विवरण

वजन

बिल सं0

राशि रू0

1

01.06.18

अंकित नहीं

210.30

00131

2,11,030

2

24.06.18

अंकित नहीं

16.700

00171

अंकित नहीं

3

25.06.18

अंकित नहीं

अंकित नहीं

00174

79164

4

27.07.18

जाली

अंकित नहीं

00235

26852

5

08.08.18

ग्रिल पाइप

अंकित नहीं

00265

28716

6

17.08.18

पाइप

अंकित नहीं

00285

10816

7

29.08.18

ग्रिल एवं रेलिंग

अंकित नहीं

00306

रू0 26304

8

04.09.18

ग्रिल

अंकित नहीं

अंकित नहीं

रू0 3768

 

 

 

 

कुल योग

रू0 3,86,550

 

 

सामान के बदले में 4,00,000.00 रूपये अदा किया गया है। विपक्षी ने परिवादी को गलत जानकारी देते हुए सामान बेचा। इनके द्वारा जो सामान मुझे भेजा गया था वह इनके एवं श्री पाण्‍डेय द्वारा बताए गए मानक के अनुरूप नहीं है जिसके कारण परिवादी को अत्‍यधिक नुकसान हुआ और सामान फैब्रीकेटर के द्वारा दिया गया था वह समय से पूर्व ही खराब हो गया। इस संबंध में परिवादी द्वारा उपरोक्‍त फैब्रीकेटर को नोटिस भेजी गयी जिसमें उपरोक्‍त शिकायतों से अवगत कराते हुए उल्‍लेख किया गया कि उनके द्वारा भेजा गया सामान समय से पहले खराब हो गया जिसका निरीक्षण उनके द्वारा किया गया था और अपने अधीनस्‍थ को भेजकर आश्‍वस्‍त भी किया गया था कि समस्‍या का समाधान हो जाएगा, लेकिन बार बार फोन पर कहते ही रहे कि कर्मचारी जा रहा है। परन्‍तु कुछ किया नहीं गया,  जिससे उन्‍हें पुन: पेन्टिंग करानी पड़ी और अनावश्‍यक धनराशि व्‍यय करनी पड़ी। यह विपक्षी के स्‍तर पर सेवा में कमी है। दिनॉंक 04.02.2019 एवं 05.02.2019 को इनको पत्र लिखा गया और श्री पाण्‍डेय के बारे में जानकारी मॉंगी गयी लेकिन उन्‍हें कोई जानकारी नहीं दी गयी है।

        वाद की कार्यवाही विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय चल रही है।

          पत्रावली के अवलोकन से प्रतीत होता है कि परिवादी अपने भवन का निर्माण कार्य इंजीनियर चन्‍द्र मोहन पाण्‍डेय द्वारा कराया जा रहा था और विपक्षी फैब्रीकेशन के कार्य हेतु पाउडर कोटिंग वाले सामान उपलब्‍ध कराने हेतु धनराशि प्राप्‍त की गयी। उक्‍त पाउडर कोटिंग वाले सामान पर बार बार पेन्टिंग नहीं करायी जाती है। इस कारण परिवादी द्वारा विपक्षी से फैब्रीकेशन का कार्य कर और उन्‍हें 3,86,550.00 रूपये के साथ साथ 16.700 किलोग्राम का अलग से भुगतान किया गया परन्‍तु विपक्षी द्वारा उप मानक सामग्री उपलब्‍ध करायी गयी जो पाउडर कोटिंग नहीं था जिसके कारण जो सामान विपक्षी द्वारा उपलब्‍ध कराया गया था वह खराब होने लगा और विपक्षी द्वारा निरीक्षण कराये जाने के बावजूद भी उसमें सुधार नहीं किया गया न ही भुगतान वापस किया गया। पत्रावली के अवलोकन से प्रतीत होता है कि परिवादी द्वारा कई बार विपक्षी से संपर्क किया गया परन्‍तु उनकी समस्‍या का समाधान नहीं हुआ और उनके आर्कीटेक्‍ट के बारे में जानकारी मॉंगे जाने पर भी फैब्रीकेटर द्वारा कोई जानकारी उपलब्‍ध नहीं करायी गयी। उक्‍त से प्रतीत होता है कि विपक्षी के स्‍तर से सेवा में कमी की गयी है, तथा उप मानक सामग्री एवं घटिया मानक सामग्री परिवादी को उपलब्‍ध करा दी गयी। जो पाउडर कोटिंग वाले सामान नहीं थे। फलस्‍वरूप परिवादी को नुकसान हुआ और पुन: उसकी पेन्टिंग करानी पड़ी। विपक्षी द्वारा आश्‍वासन यह दिया गया था कि उनके द्वारा पाउडर कोटिंग सामान दिया जायेगा जिसे पुन: पेन्टिंग कराये जाने की आवश्‍यकता नहीं होगी। विपक्षी के उक्‍त आचरण एवं सेवा में कमी के कारण उप मानक सामग्री परिवादी को उपलब्‍ध कराये जाने की वजह से परिवादी को नुकसान हुआ है जिसके लिये परिवादी के परिवाद में बल प्रतीत होता है तथा परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

                            आदेश

    परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है,  विपक्षी को निर्देश दिया जाता है कि वह परिवादी से प्राप्‍त 4,00,000.00 रूपये मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ वाद दायर करने की तिथि से 45 दिन के अन्‍दर अदा करेंगें साथ ही साथ मानसिक एवं शारीरिक कष्‍ट के लिये मुबलिग 25,000.00 (पच्‍चीस हजार रूपया मात्र) तथा वाद व्‍यय हेतु मुबलिग-5000.00 (पॉंच हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगे। यदि उपरोक्‍त आदेश का अनुपालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है तो उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगतेय होगा।

 

 

   (अशोक कुमार सिंह)                                                (अरविन्‍द कुमार)      

                       सदस्‍य                                                                   अध्‍यक्ष              

                                                                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                                                                                      लखनऊ।

                                   

 
 
[ ARVIND KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[ Ashok Kumar Singh]
MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.