राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0 लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-1684/1998
उत्तम सिंह क्षेत्रीय प्रति उप विद्यालय निरीक्षक क्षेत्र म्योरपुर विकास खण्ड म्योरपुर जिला सोनभद्र।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
अनिल कुमारी श्रीवास्तव पुत्र श्री जगदीश प्रसाद श्रीवास्तव सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय खाड़ पायर विकास खण्ड म्योरपुर जनपद सोनभद्र।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1 मा0 श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा पीठासीन सदस्य।
2-मा0 श्रीमती बाल कुमारी सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित। कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित। कोई नहीं।
दिनांक-01-12-2014
मा0 श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा पीठासीन, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-69/1998 अनिल कुमार श्रीवास्तव बनाम उत्तम सिंह व अन्य में जिला मंच सोनभद्र द्वारा दिनांक 13-05-1998 को निर्णय पारित करते हुए इस आशय का आदेश पारित किया गया कि परिवादी/प्रत्यर्थी को निर्धारित अवधि के वेतन के संदर्भ में 10 प्रतिशत की दर से बढ़े हुए ब्याज उत्तम सिंह एस0 डी0 ओ0 से मिलना चाहिए और उत्तम सिंह के वेतन से 1000/-रू0 क्षतिपूर्ति भी मिलनी चाहिए और इस संदर्भ में विपक्षीगण को आदेशित किया गया।
उपरोक्त वर्णित आदेश से क्षुब्ध होकर उत्तम सिंह क्षेत्रीय उप विद्यालय निरीक्षक द्वारा वर्तमान अपील योजित किया गया।
वर्तमान अपील में कोई पक्ष उपस्थित नहीं हुआ। वर्तमान अपील सन् 1998 से लम्बित है अत: न्याय संगत यह पाया गया कि वर्तमान अपील का निर्णय गुण-दोष के आधार पर कर दिया जाय।
प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी/प्रत्यर्थी प्रारम्भिक विद्यालय में सहायक पद पर कार्यरत था एवं वेतन उसे समय-समय पर नियमित रूप से इलाहाबाद बैंक शाखा रेनूकोट सेविंग बैंक एकाउन्ट में उसके खाते में जमा होता रहा। परिवादी को वेतन जुलाई 1997 से उसको वेतन नहीं मिल रहा था, जुलाई 1997 से वेतन का भुगतान न होने के कारण
2
परिवादी द्वारा वर्तमान परिवाद इस अनुतोष के संदर्भ में प्रस्तुत किया गया कि जुलाई 1997 से वेतन और उस पर 18 प्रतिशत ब्याज दिलाया जाय और 1000/-रू0 क्षतिपूर्ति वाद व्यय दिलाया जाय।
जिला मंच के समक्ष विपक्षीगण की ओर से परिवाद का विरोध किया गया और लिखित आपत्ति प्रस्तुत की गयी एवं परिवादी/प्रत्यर्थी को सहायक अध्यापक के पद पर तैनात होने की बात स्वीकार की गयी एवं परिवादी ने ग्राम प्रधान के साथ यूको बैंक में खाता खोलकर भवन का निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया उसके पश्चात से ही भवन का निर्माण कार्य बन्द चल रहा है। परिवादी भवन निर्माण के अद्याअवधि शिक्षण कार्य बन्द करके घूम रहा है एवं अद्याअवधि तक भवन निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ एवं भवन निर्माण का कार्य अवरूध था तब मजबूर होकर परिवादी का वेतन अवरूध किया गया जिससे कि परिवादी अधिक समय से भवन निर्माण के नाम पर समय व्यतीत न करे। परिवादी द्वारा विभाग के आदेश का कतई महत्व नहीं दिया गया एवं परिवादी/प्रत्यर्थी को जो काम दिया गया था उसको पूर्ण नहीं किया गया और इस संदर्भ में अपने बचत में परिवादी द्वारा प्रश्नगत परिवाद प्रस्तुत किया गया एवं भवन निर्माण के नाम पर केवल घर बैठकर वेतन आहरित किया जाता रहा जो विधि अनुकूल नहीं था एवं यह भी अभिवचित किया गया कि अन्य शिक्षकों की भॉंति परिवादी/प्रत्यर्थी को पूरे माह का कार्य करने पर वेतन दिया जाता रहा है। जिला मंच द्वारा प्रश्नगत निर्णय के माध्यम से यह कहा गया कि विपक्षी उत्तम सिंह द्वारा वेतन रोककर सेवा में कमी की गयी है अत: उपरोक्त वर्णित आदेश पारित किया गया। वेतन रोकना व अध्यापक को प्रशासनिक कार्य देना यह विभाग के विवेक पर निर्भर करता है और ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा यदि वेतन रोका गया और कोई कार्य विद्यालय के सम्बन्ध में सौंपा गया तो इस संदर्भ में इस तथ्य को छुपाकर परिवाद प्रस्तुत किया गया। जिला मंच द्वारा विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत लिखित कथन पर विचार भी नहीं किया गया इसके अतिरिक्त वर्तमान प्रकरण में सरकारी कर्मचारी के वेतन दिये जाने या न दिये जाने के संदर्भ में उपभोक्ता फोरम को क्षेत्राधिकार भी प्राप्त नहीं है, इस संदर्भ में सक्षम अधिकारी के समक्ष परिवादी/प्रत्यर्थी द्वारा कार्यवाही किया जाना उचित था। परिवाद पत्र के अभिवचन यह मामला उपभोक्ता फोरम के क्षेत्राधिकार में होना स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है। जिला मंच द्वारा पारित आदेश विधि अनुकूल नहीं है और अपास्त किये जाने योग्य है।
3
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। जिला मंच द्वारा परिवाद संख्या 69/1998 अनिल कुमार श्रीवास्तव बनाम उत्तम सिंह व अन्य में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 13-05-1998 अपास्त किया जाता है, तदनुसार परिवाद खारिज किया जाता है।
वाद व्यय पक्षकार अपना-अपना स्वयं वहन करेंगे।
इस निर्णय/आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि उभय पक्ष को नियमानुसार उपलब्ध करा दी जाये।
(जितेन्द्र नाथ सिन्हा) (बाल कुमारी)
पीठासीन सदस्य सदस्य
मनीराम आशु0-2
कोर्ट- 4