Uttar Pradesh

StateCommission

A/2003/1833

Principal Soney Lal Patel Senior Secondary School - Complainant(s)

Versus

A K Gupta - Opp.Party(s)

Ved Prakash

27 Feb 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2003/1833
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Principal Soney Lal Patel Senior Secondary School
a
...........Appellant(s)
Versus
1. A K Gupta
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 27 Feb 2017
Final Order / Judgement

  राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील सं0-१८३३/२००३

 

(जिला मंच, कानपुर देहात द्वारा परिवाद सं0-३७९/२००१ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक १७-१२-२००२ के विरूद्ध)

 

प्रि‍न्सिपल डॉ0 सोने लाल पटेल सीनियर सैकेण्‍ड्री स्‍कूल, जूही, हमीरपुर रोड, कानपुर नगर।

                                            .....................        अपीलार्थी/विपक्षी। 

बनाम्

१. श्री ए0के0 गुप्‍ता पुत्र श्री आर0के0 गुप्‍ता

२. श्रीमती साधना गुप्‍ता पत्‍नी श्री ए0के0 गुप्‍ता

   दोनों निवासी ५४३/१०२, के-ब्‍लाक, किदवई नगर, कानपुर नगर।

                                         ....................      प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण।

समक्ष:-

१-  मा0 श्री, राम चरन चौधरी पीठासीन सदस्‍य।

२-  मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  :- कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।

 

दिनांक : १७-०५-२०१७.

 

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

      प्रस्‍तुत अपील, जिला मंच, कानपुर देहात द्वारा परिवाद सं0-३७९/२००१ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक १७-१२-२००२ के विरूद्ध योजित की गयी है।

संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण ने अपनी पुत्री को कक्षा-९ में प्रवेश दिलाया और ५१५०/- रू० दिनांक ०४-०९-२००० को अप्रैल से सितम्‍बर २००० तक के फीस के रूप में रसीद सं0-८२९१ दिनांक ०४-०९-२००० द्वारा जमा किया। इसके अतिरिक्‍त २०००/- रू० कॉशन मनी के रूप में जमा किया जिसकी रसीद निर्गत नहीं की गयी। परिवादिनी के कथनानुसार उनकी पुत्री दिनांक ०५-०९-२००० को प्रथम बार विद्यालय में गयी लेकिन उसे अपने स्‍वभाव के अनुसार अच्‍छा वातावरण नहीं मिला और विद्यालय में पढ़ाई का स्‍तर भी निम्‍न कोटि का पाया। जैसे ही परिवादिनी की पुत्र विद्यलाय में उपस्थित हुई उसके तुरन्‍त बाद ही वह रोने लगी और आधा घण्‍टे के अन्‍दर ही उसने विद्यालय के कार्यालय से अपनी मॉं परिवादिनी

 

 

 

 

-२-

को विद्यालय से वापस बुलाने हेतु सूचित किया। इस सूचना पर परिवादिनी विद्यालय गयी और अपनी पुत्री को वहॉं से वापस ले आयी। परिवादिनी ने विद्यालय के प्रबन्‍ध तन्‍त्र को पूरा हाल बताया और प्रार्थना की कि उसके द्वारा जमा की गयी फीस ५१५०/- रू० वापस कर दी जाय किन्‍तु प्रबन्‍ध अधिकारियों ने जमा फीस वापस करने से मना कर दिया। अत: परिवाद उपरोक्‍त फीस वापसी एवं क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु जिला मंच के समक्ष योजित किया गया।

जिला मंच के समक्ष अपीलार्थी की ओर से तामीला के बाबजूद कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: परिवाद की कार्यवाही अपीलार्थी के विरूद्ध एक पक्षीय चली। जिला मंच के समक्ष प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी का शपथ पत्र, ५१५०/- रू० भुगतान की रसीद तथा अपीलार्थी विद्यालय का प्रौस्‍पेक्‍टस दाखिल किया गया।

विद्वान जिला मंच ने मा0 राष्‍ट्रीय आयोग द्वारा अध्‍यमान कालेज बनाम एस.वेंकटपति, II (1995) CPJ 205 (NC) के मामले में दिए गये निर्णय पर विचार करते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य पर विचार करते हुए परिवाद स्‍वीकार किया तथा अपीलार्थी को निर्देशित किया कि निर्णय की तिथि से ४५ दिन के अन्‍दर परिवादिनी श्रीमती साधना गुप्‍ता को ५१५०/- रू० तथा उस पर जमा करने की ति‍थि से १५ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगतान की तिथि तक एवं १०००/- रू० क्षतिपूर्ति तथा १,०००/- रू० वाद व्‍यय अदा करें।

इस निर्णय से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गयी।

उभय पक्ष की ओर से अपील के सन्‍दर्भ में तर्क प्रस्‍तुत करने हेतु कोई उपस्‍िथत नहीं हुआ। पिछली कई ति‍थियों से उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं हो रहा है। यह अपील वर्ष २००३ से लम्बित है। अत: अपील का निस्‍तारण गुणदोष के आधार पर किया जा रहा है। हमारे द्वारा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों का अवलोकन किया गया।

अपील के आधारों में अपीलार्थी द्वारा यह अभिकथित किया गया है कि विद्वान जिला मंच द्वारा परिवाद की सुनवाई हेतु कोई नोटिस जारी नहीं की गयी। प्रश्‍नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि विद्वान जिला मंच ने विपक्षी/अपीलार्थी को नोटिस के सन्‍दर्भ में यह उल्लिखित किया है कि विपक्षी ने नोटिस की पर्याप्‍त तामीला के बाबजूद      कोई वादोत्‍तर दाखिल नहीं किया और न ही फोरम के समक्ष अपना पक्ष प्रस्‍तुत करने हेतु कोई

 

 

 

 

 

 

-३-

उपस्थित हुआ। विद्वान जिला मंच के इस अभिकथन पर स्‍वत: अविश्‍वास करने का कोई औचित्‍य प्रतीत नहीं होता। अपीलार्थी की ओर से अपील के साथ ऐसी कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं की गयी है जिससे विद्वान जिला मंच के निर्णय में उल्लिखित इन तथ्‍यों पर अविश्‍वास किया जाय।

अपील के आधारों में अपीलार्थी द्वारा इस तथ्‍य को भी अस्‍वीकार नहीं किया है कि ५,१५०/- रू० दिनांक ०४-०९-२००० परिवादीगण ने अपनी पुत्री का अपीलार्थी विद्यालय में प्रवेश दिलाने हेतु बतौर फीस जमा किया था। अपील के आधारों में इस तथ्‍य को भी स्‍वीकार नहीं किया गया है कि दिनांक ०५-०९-२००० को स्‍वयं परिवादीगण ने अपनी पुत्री को इस विद्यालय में वापस बुला लिया तथा फीस वापसी का अनुरोध किया। अपीलार्थी का अपील के आधारों में यह भी कथन नहीं है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी की पुत्री द्वारा प्रवेश न लेने के कारण एक सीट पूरे साल रिक्‍त रही और न ही अपीलार्थी की ओर से ऐसा कोई अभिलेख प्रस्‍तुत किया गया जिससे यह निष्‍कर्ष निकाला गया कि विद्यालय में फीस जमा करने के उपरान्‍त दूसरे दिन ही प्रवेश समाप्‍त करने की प्रार्थना के बाबजूद फीस वापस नहीं की जा सकती।

प्रश्‍नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि विद्वान जिला मंच ने जमा की गयी फीस पर फीस जमा किए जाने की तिथि से भुगतान की तिथि तक १५ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज दिलाए जाने हेतु भी आदेशित किया गया है। बतौर क्षतिपूर्ति १,०००/- रू० तथा बतौर वाद व्‍यय १,०००/- रू० दिलाए जाने हेतु भी आदेश किया गया है। ब्‍याज की यह दर मामले की परिस्‍िथतियों के आलोक में हमारे विचार से अधिक है। ब्‍याज ०६ प्रतिशत वार्षिक की दर से दिलाया जाना न्‍यायोचित होगा। तद्नुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।  

आदेश

प्रस्‍तुत अपील, आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला मंच, कानपुर देहात द्वारा परिवाद सं0-३७९/२००१ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक १७-१२-२००२ मात्र इस सीमा तक संशोधित किया जाता है कि परिवादिनी साधना गुप्‍ता को रू० ५१५०/- पर जिला मंच द्वारा आदेशित १५ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के स्‍थान पर ०६ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज देय होगा।

 

 

 

 

 

-४-

शेष आदेश की यथावत् पुष्टि की जाती है। 

अपीलीय व्‍यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना वहन करेंगे।

पक्षकारों को इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

 

           

                                                (राम चरन चौधरी)

                                                 पीठासीन सदस्‍य

 

 

                                               (उदय शंकर अवस्‍थी)

                                                     सदस्‍य

 

 

 

 

प्रमोद कुमार

वैय0सहा0ग्रेड-१,

कोर्ट-२. 

 
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
MEMBER

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