राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-2113/2004
केनरा बैंक हजरतगंज ब्रांच लखनऊ द्वारा मैनेजर। .....अपीलार्थी@विपक्षी
बनाम
अनिल कुमार बरनवाल सी/ओ मुन्नु प्रसाद ओम प्रकाश
नूरीगंज बटनी, देवरिया। .......प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री नितिन खन्ना, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री बी0के0 उपाध्याय के सहयोगी श्री राम सेवक उपाध्याय, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक 14.09.2022
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या 350/97 अनिल कुमार बरनवाल बनाम ग्लोबल ट्रस्ट बैंक लि0 व 7 अन्य में पारित निर्णय व आदेश दि. 18.08.04 के विरूद्ध यह अपील केनरा बैंक द्वारा प्रस्तुत की गई है। जिला उपभोक्ता मंच ने परिवाद स्वीकार करते हुए अपीलार्थी केनरा बैंक को निर्देशित किया है कि परिवादी को अंकन रू. 69000/- अदा करें तथा दि. 03.04.97 से भुगतान की तिथि तक इस राशि पर 8 प्रतिशत ब्याज देय होगा।
2. इस निर्णय व आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि जिला उपभोक्ता मंच ने तथ्य, साक्ष्य एवं विधि के विपरीत निर्णय पारित किया है। अपीलार्थी द्वारा एक आवेदन संख्या 0923616 अंकन रू. 20000/- के ड्राफ्ट के साथ विपिन कुमार नामक व्यक्ति से प्राप्त हुआ था। यह ड्राफ्ट प्राप्त होने पर ग्लोबल ट्रस्ट बैंक लि0 को अग्रसारित कर दिया गया। ग्लोबल ट्रस्ट द्वारा 100 शेयर विपिन कुमार को आवंटित कर दिए गए,
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यद्यपि अंकन रू. 19000/- श्री विपिन कुमार को वापस लौटा दिए गए। अपीलार्थी बैंक द्वारा समस्त कार्यवाही ग्लोबल ट्रस्ट बैंक के लिए की गई थी। आदेश हुआ ग्लोबल ट्रस्ट बैंक को ड्राफ्ट अग्रसारित किया गया, बैंक का उत्तरदायी समाप्त हो गया है। जिला उपभोक्ता मंच देवरिया का नोटिस आने पर यह ज्ञात हुआ कि अनिल कुमार नामक व्यक्ति ने स्वयं द्वारा रू. 20000/- जमा करने तथा शेयर आवंटित न होने तथा रूपया भी वापस प्राप्त न होने के आधार पर कोई उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत किया है। जिला उपभोक्ता मंच देवरिया को इस संबंध में सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है, क्योंकि हजरतगंज स्थित बैंक में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। अपीलार्थी बैंक द्वारा ग्लोबल ट्रस्ट बैंक लि0 की ओर से केवल आवेदन प्राप्त किए गए, इसलिए परिवादी अपीलार्थी का उपभोक्ता नहीं है, जब तक परिवादी को शेयर आवंटित नहीं हो जाते तब तक परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता, इसलिए जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय विधि विरूद्ध है।
3. दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ताओं की बहस को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय व पत्रावली का अवलोकन किया गया। चूंकि यह अपील वर्ष 2004 से लंबित है, इसलिए देरी माफ करते हुए गुणदोष पर निर्णय पारित किया जा रहा है।
4. परिवादी के कथन के अनुसार 2000 इक्विटी शेयर करने के लिए अंकन रू. 20000/- का ड्राफ्ट पंजाब नेशनल बैंक शाखा देवरिया से बनवाया था, जिसकी फोटोकापी एनेक्सर संख्या 1 है। इस ड्राफ्ट के साथ एक आवेदन तैयार कर केनरा बैंक शाखा हजरतगंज को प्रेषित किया गया था, जिसकी फोटोकापी एनेक्सर संख्या 2 है। इस ड्राफ्ट की पावती रसीद
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एनेक्सर संख्या 3 है। परिवादी को ड्राफ्ट की राशि या शेयर कभी भी प्राप्त नहीं हुए। परिवाद पत्र के साथ प्रस्तुत की गई साक्ष्य के विश्लेषण के पश्चात जिला उपभोक्ता मंच द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया कि विपक्षी केनरा बैंक को ड्राफ्ट तथा आवेदन प्राप्त हुआ है। उनके द्वारा प्राप्ति रसीद जारी की गई है, जिस पर केनरा बैंक की सील लगी हुई है। पंजाब नेशनल बैंक द्वारा जारी प्रमाणपत्र को भी विचार में लिया गया है। इस प्रमाणपत्र में उल्लेख है कि अनिल कुमार द्वारा दि. 25.08.94 को रू. 20000/- का बैंक ड्राफ्ट केनरा बैंक लखनऊ को भेजा गया था। यथार्थ में केनरा बैंक द्वारा विपक्षी संख्या 5 विपिन कुमार के पक्ष में शेयर एलाट करने के लिए पत्र अग्रसारित कर दिया गया। केनरा बैंक के स्तर से इस संबंध में लापरवाही कारित की गई, इसलिए केनरा बैंक को उत्तरदायी ठहराए जाने वाला आदेश विधिसम्मत है, जिसमें कोई हस्तक्षेप अपेक्षित नहीं है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
5. अपील खारिज की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार) सदस्य सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-3