जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
सुश्री कविता बारेालिया पुत्री श्री पुखराज बारेालिया, उम्र-19 वर्ष, निवासी- 8-9 सी,सीयाराम नगर, एच.एम.टी के पीछे, अजमेर ।
प्रार्थी
बनाम
1. अजमेर इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलोजी जरिए प्रिन्सीपल, पुष्कर बाईपास रोड, अजमेर ।
2. डायरेक्टर, अजमेर इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलोजी, पुष्कर बाईपास रोड, अजमेर
अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 388/2012
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. विजेन्द्र कुमार मेहता सदस्य
3. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1.श्री विभौर गौड,अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री अषोक अग्रवाल,अधिवक्ता अप्रार्थी
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 24.03.2015
1. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थीया ने अप्रार्थी संस्थान के यहां बैचलर आॅफ टेक्नोलोजी की कम्प्यूटर साईन्स पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में अध्ययन हेतु परिवाद की चरण संख्या 1 में वर्णितानुसार रू. 30,000/- जमा कराए । अप्रार्थी संस्थान द्वारा दिनांक 29.9.2012 तक उपरोक्त पाठ्यक्रम में अन्य अभ्यर्थीगणों को प्रवेष दिया जाता रहा इसी मध्य दिनांक 19.9.2012 को प्रार्थीया का राजकीय महिला इंजीनियरिंग काॅलेज, अजमेर में प्रवेष हो जाने के कारण उसने उक्त दिनांक को ही अप्रार्थी संस्थान से उसके द्वारा जमा कराई गई फीस राषि लौटाए जाने बाबत् सम्पर्क किया व दिनंाक 21.9.2012 को लिखित रूप से अप्रार्थी संख्या 2 को निवेदन किया और परिवाद की चरण संख्या 2 में वर्णितानुसार अप्रार्थी संस्थान के यहां ष्षपथपत्र भी प्रस्तुत किया इसके बावजूद अप्रार्थी संस्थान ने केवल उसके दस्तावेजात ही लौटाए किन्तु फीस राषि नहीं लौटाई साथ ही उसे नो ड्यूज प्रमाण पत्र दिए जाने से पूर्व ही बिना किसी आधार के रू. 1925/- स्टेषनरी के बतौर ड्यूज बताते हुए वसूल कर लिए जबकि उक्त स्टेषनरी की राषि उसके द्वारा जमा कराई गई फीस राषि में ही सम्मिलित थी । प्रार्थीया द्वारा दिनांक 18.12.2012 को स्मरण पत्र दिए जाने के बावजूद उसे राषि नहीं लौटा कर अप्रार्थी संस्थान ने सेवा में कमी की है और इसी आधार पर यह परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की मांग की है ।
2. अप्रार्थी संस्थान की ओर से जवाब पेष हुआ जिसमें प्रार्थीया को उनके यहां प्रष्नगत कोर्स में एआईसीटीई के नियमों के तहत प्रवेष दिया गया था तथा अप्रार्थी संस्थान में राजस्थान तकनीकी विष्वविद्वालय, कोटा द्वारा निर्धारित कलैण्डर अनुसार प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएं दिनांक 7.8.2012 से प्रारम्भ हुई थी और प्रार्थीया ने कक्षाओ में भाग भी लिया था और आरटीयू कलैण्डर के अनुसार प्रवेंष की अंतिम दिनंाक को समस्त प्रवेष के बाद इस दिवस 29.9.2012 तके सी.एस.ई पाठ्यक्रम में 69 सीटे रिक्त रही थी । प्रार्थीया ने दिनांक 19.9.2012 को फीस रिफण्ड हेतु कोई सम्पर्क नहीं किया जबकि प्रार्थीया ने दिनांक 21.9.2012 को फीस रिफण्ड हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था और दिनंाक 6.10.2012 को एक षपथपत्र स्वेछा से प्रस्तुत किया था और नो ड्यूज प्राप्त किया था । प्रार्थीया को उसके मूल दस्तावेजात लौटा दिए गए थे ।
अपने अतिरिक्त कथन में दर्षाया है कि अप्रार्थी संस्थान ।प्ब्ज्म् नई दिल्ली की अनुमति से स्थापित है और राजस्थान तकनीकी विष्वविद्यालय,कोटा से संबद्व है। ।प्ब्ज्म् व राजस्थान तकनीकी विष्वविद्यालय,कोटा द्वारा फीस रिफण्ड के संबंध में नियमानुसार अधिसूचना जारी कर रखी है और प्रार्थीया का प्रकरण इस अधिसूचना द्वारा जारी प्रावधानों में नहीं आता हे । राजस्थान तकनीकी विष्वविद्यालय,कोटा द्वारा जारी कलेण्डर के अनुसार प्रथम समेस्टर दिनांक 7.8.2012 से प्रारम्भ हो गया था और प्रार्थीया ने दिनांक 18.9.2012 तक लगातार अध्ययान भी किया है प्रवेष की निर्धिारित अंतिम तिथी दिनंाक 29.9.2012 व उसके बाद दिनंाक 10.10.2012 को अप्रार्थी संस्थन में कुल 120 सीटों में से 69 सीटे रिक्त रही और प्रार्थीया द्वारा रिक्त की गई सीट भी खाली रही इसलिए प्रार्थीया का प्रकरण फीस लौटाए जाने का नहीं रहा । प्रवेष लेने के बाद यदि प्रेवष निरस्त करवाया जाता है तो अप्रार्थी संस्थान को 3 वर्षो तक लगभग रू. 1,80,000/- का नुकसान होता है । प्रार्थीया के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अन्यत्र हुए प्रवेष पर उत्तरदाता संस्थान को कोई एतराज नहीं है । अन्त में परिवाद खारिज किए जाने की प्रार्थना की है ।
3. हमने पक्षकारान को सुना एवं पत्रावली का अनुषीलन किया ।
4. हमारे समक्ष निर्णय हेतु यही बिन्दु है कि क्या प्रार्थीया परिवाद में दर्षाए अनुसार एवं वर्णित कारणों से जमा करवाई गई फीस पुनः प्राप्त करने की अधिकारणी है ?
5. प्रार्थीया का मुख्य कथन यही है कि अप्रार्थी संस्थान में प्रवेष दिनांक 29.9.2012 तक जारी रहे थे अर्थात दिनांक 29.9.2012 तक प्रवेष दिए जा रहे थें । प्रार्थीया का प्रवेष राजकीय महिला इंजीनियरिंग काॅलेज, अजमेर में हो जाने से उसने दिनांक 21.9.2012 को अप्रार्थी संस्थान के यहां आवेदन पेष कर अन्यत्र प्रवेष हो जाने की सूचना दी और अपने सर्टिफिकेट एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र तथा जमा कराई गई फीस लौटाने की मांग की । अप्रार्थी संस्थान द्वारा प्रार्थीया के दस्तावेजात एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र तो दे दिए किन्तु फीस पुनः नहीं लौटाई । अतः अप्रार्थी संस्थान के इस कृत्य को गलत व नियम विरूद्व बताते हुए फीस की मांग की है ।
6. अप्रार्थी संस्थान के अधिवक्ता की बहस रही है कि प्रार्थीया ने जिस पाठ्यक्रम हेतु प्रवेष लिया, की काक्षाएं दिनंाक 7.8.2012 को ही षुरू हो चुकी थी और प्रवेष की अंतिम दिनंाक तक 69 सीट रिक्त रही थी । ।प्ब्ज्म् नई दिल्ली की अधिसूचना ।प्ब्ज्म्ध्स्महंसध्04;01द्धध्2007 में फीस पुनः लौटाए जाने की व्यवस्था नहीं थी । जिसके अनुसार प्रार्थीया पुनः फीस प्राप्त करने की अधिकारणी नहीं थी । प्रार्थीया को मूल दस्तावेजात लौटा दिए गए थे । अधिवक्ता अप्रार्थी की यह भी बहस है कि जमा फीस पुनः नहीं लौटाई जायगी, संबंधी उल्लेख भी रसीद में दिया हुआ है एवं प्रार्थीया का वाद खारिज होने योग्य दर्षाया । उनकी आगे बहस है कि कक्षाए दिनांक 7.8.2012 से ष्षुरू हो गई थी एवं प्रार्थीया ने दिनांक 7.8.2012 से 19.9.2012 तक पढाई की है । अतः ।प्ब्ज्म् नई दिल्ली के नोटिफिकेषन (उपरोक्त) के अनुसार प्रार्थीया फीस पुनः प्राप्त करने की अधिकारणी नहीं है ।
7. हमने बहस पर गौर किया । परिवाद के पैरा संख्या 2 में अप्रार्थी संस्थान ने दिनांक 29.9.2012 तक प्रवेष हो रहे थे, का उल्लेख किया है जिसका खण्डन अप्रार्थी ने अपने जवाब में नहीं किया है एवं प्रवेष की अंतिम दिनंाक
29.9.2012 नहीं थी, स्पष्ट रूप से इन्कार नहीं किया है । प्रार्थीया ने दिनंाक
19.9.2012 को ही अन्यत्र प्रवेष किए जाने से फीस व दस्तावेजात की मांग कर ली गई थी । जहां तक ।प्ब्ज्म् नई दिल्ली की अधिसूचना, 2007 का प्रष्न है इसमें फीस लौटाए जाने के संबंध में दो परिस्थितियों का वर्णन किया है । प्रथम परिस्थिति में कोई विद्याथी कोर्स षुरू होने से पहले अपना प्रवेष वापस ले लेता है तो उसे फीस लौटा दी जावेगी और दूसरी परिस्थिति में कोर्स षुरू होने के बाद यदि कोई विद्यार्थी संस्थान छोडता है एवं यदि उसके द्वारा खाली की गई सीट पुनः भर जाती है तो उसे फीस लौटाए जाने की व्यवस्था दषाई है । अप्रार्थी ने अपने जवाब में यह अवष्य बताया कि प्रवेष की अंतिम तिथी तक जो प्रवेष हुए उसके बाद भी 69 सीटे खाली रही थी । प्रथमतः अप्रार्थी संस्थान ने प्रवेष की अंतिम तिथी का उल्लेख नहीं किया है और दूसरा किस किस विद्यार्थी को कब कब प्रवेष दिया गया, संबंधी भी कोई सूचना पेष नहीं की है । जहां तक 69 सीटे खाली रही, के संबंध में हमारी विवेचना है कि अप्रार्थी संस्थान में कम्प्यूटर साईंस इंजीनियरिंग की सीटे 120 होना दर्षाया है और उसमें 51 ही प्रवेष हुए है । अतः अप्रार्थी संस्थान में मात्र प्रार्थीया का अन्यत्र प्रवेष ले लिए जोने से ही सीट रिक्त रही हो, नहीं पाया गया है बल्कि पहले से ही 69 सीटे रिक्त रही थी । ।प्ब्ज्म् नई दिल्ली के परिपत्र, 2007 के अनुसार यदि किसी विद्यार्थी द्वारा छोडी गई सीट रिक्त हुई और वह भर जाती है तो ही फीस देय होगी । यह नियम हस्तगत प्रकरण पर लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि संस्थान में पहले से ही 69 सीटे रिक्त चली आ रही थी । इसी प्रकार फीस जमा कराए जाने की जो रसीदे अप्रार्थी संस्थान ने प्रार्थीया को दी, उनको देखने से रू. 20,000/- एवं रू. 10,000/- कुल रू. 30,000/- किस किस मद में लिए नहीं दर्षाए है । उपरोक्त राषियों में ट्यूषन फीस कितनी है, डवलपमेंट फीस , काॅषन मनी, आदि की राषि कितनी कितनी है, नहीं दषाई है । इन्हीं रसीदों के नीचे काॅषन मनी पुनः लौटाई जायेगी, उल्लेख है किन्तु काॅषन मनी के मद में कितनी राषि वसूल की है, उल्लेख नहीं है ।
8. इसके अतिरिक्त अप्रार्थी संस्थान का यह कथन कि प्रार्थीया ने दिनंाक 7.8.2012 से ही कक्षाए अटेण्ड कर ली थी और दिनांक 19.9.2012 तक पढाई की है । ।प्ब्ज्म् नई दिल्ली के परिपत्र उपर वर्णित अनुसार अप्रार्थी संस्थान अधिक से अधिक जितनी अवधि तक प्रार्थीया ने कक्षाए अटेण्ड की, उक्त अवधि की फीस रोक सकता है ।
9. उपरोक्त विवेचन से हमारे विनम्र मत में अप्रार्थी संस्थान द्वारा प्रार्थीया द्वारा जमा करवाई गई फीस की राषि रू. 30,000/- देने से इन्कार किया जाना गलत है । प्रार्थीया काॅषन मनी की राषि पुनः प्राप्त करने की अधिकारणी होती है इसी प्रकार प्रार्थीया ने दिनांक 7.8.12 से 19.9.12 तक कक्षाए अटेण्ड की, हेतु अधिक सेे अधिक दो माह की फीस अप्रार्थी संस्थान काट सकता था । प्रार्थीया से एक वर्ष हेतु रू. 30,000/- फीस के लिए है । प्रतिमाह यह राषि रू. 2500/- होती है और दो माह की फीस की यह राषि रू. 5000/- होती है । ।प्ब्ज्म् नई दिल्ली के परिपत्र अनुसार अप्रार्थी संस्थान रू. 1000/- प्रोसेसिंग चार्जेज के रूप में काट सकता है । इस प्रकार अप्रार्थी संस्थान प्रार्थीया द्वारा जमा करवाई गई फीस राषि रू. 30,000/- में से रू. 6000/- की राषि ही काटने का अधिकारी है एवं ष्षेष राषि रू. 24,000/- प्रार्थीया पुनः प्राप्त करने की अधिकारणी पाई जाती है । इस प्रकार प्रार्थीया का यह परिवाद अप्रार्थी संस्थान से उसके द्वारा फीस हेतु जमा करवाई गई में से रू. 24,000/- की राषि पुनः प्राप्त करने हेतु डिक्री होने योग्य है । अतः आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
10. (1) प्रार्थीया अप्रार्थी संस्थान से रू. 24,000/- प्राप्त करेन की अधिकारणी होगी ।
(2) प्रार्थीया अप्रार्थी संस्थान से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 2000/- भी प्राप्त करने की अधिकारणी होगी ।
(3) क्र.सं. 1 व 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी संस्थान प्रार्थीया को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थीया के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(4) दो माह में आदेषित राषि का भुगतान नहीं करने पर प्रार्थी अप्रार्थी संस्थान से उक्त राषियों पर निर्णय की दिनांक से ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगी ।
(विजेन्द्र कुमार मेहता) (श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
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11. आदेष दिनांक 24.03.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
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