Uttar Pradesh

Ghazipur

CC/127/2013

Kunwar Vijendra Singh - Complainant(s)

Versus

A- Bajaj Super Electricals - Opp.Party(s)

Shri Kamal Nath Singh

07 Aug 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM GHAZIPUR
COLLECTORATE COMPOUND, DISTRICT- GHAZIPUR
 
Complaint Case No. CC/127/2013
 
1. Kunwar Vijendra Singh
Village & Post- Singera, Police Station- Mardah, Vikas Khand- Mradah, Tehsil & District- Ghazipur
...........Complainant(s)
Versus
1. A- Bajaj Super Electricals
Mishra Bazar, Ghazipur
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 JUDGES HONOURABLE MR Ram Prakash Verma PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Paramsheela MEMBER
 HON'BLE MR. Manoj Kumar MEMBER
 
For the Complainant:Shri Kamal Nath Singh, Advocate
For the Opp. Party: Shri Devendra Kumar Rai, Advocate
ORDER

परिवादी ने यह परिवाद इस आशय से योजित किया है कि उसके द्वारा क्रय किये गये टेलीविजन पर विपक्षी द्वारा प्राप्‍त किया गया अधिक धन रू0 61,00/- 10% ब्‍याज सहित वापस दिलाया जाय तथा विपक्षी से शारीरिक तथा मानसिक कष्‍ट के लिए रू0 5,000/- तथा वाद व्‍यय के लिए रू01000/-  दिलाये जायॅ।

     परिवाद पत्र में परिवादी का कथन संक्षेप में इस प्रकार है कि उसने विपक्षी की दुकान से दि0 09-04-2013 को एक टेलीविजन सोनी Sony klv-40 Ex 430 रू0 57,000/- में खरीदा था। क्रय करते समय विपक्षी ने यह विश्वास दिलाया था कि वह सोनी कम्‍पनी का अधिकृत विक्रेता है और कम्‍पनी द्वारा निर्धारित मूल्‍य पर ही विक्रय करता है। परिवादी ने विपक्षी के भरोसे में आकर उक्‍त टेलीविजन खरीदा था लेकिन बाद में परिवादी को ज्ञात हुआ कि उक्‍त टेलीविजन का कम्‍पनी द्वारा निर्धारित मूल्य रू0 50900/- है। इस प्रकार विपक्षी ने उससे रू0 61,00/- अधिक धन प्राप्‍त किया। विपक्षी द्वारा अधिक धन लिये जाने के बावत परिवादी ने विपक्षी से कहा । दि0 07-05-13 को 10-28 बजे सुबह परिवादी ने इण्‍टरनेट पर उक्‍त टेलीविजन की एम0आर0पी0 देखी, तो यह रू0 50,900/- थी, तब परिवादी को त्रुटिपूर्ण सेवा की जानकारी हुई। अधिक प्राप्‍त किये गये धन को मॉंगने हेतु परिवादी दि0 08-05-13 को विपक्षी के पास गया तो उसने उससे किसी दिन शाम के समय आने को कहा। तत्‍पश्‍चात् परिवादी प्रतिदिन विपक्षी की दुकान पर जाता रहा लेकिन उसने परिवादी से बात नहीं की, यह क्रम दिनांक 20-05-13 तक चलता रहा। दि0 20-05-13 को विपक्षी ने विधिक प्रक्रिया द्वारा अधिक लिया गया धन वसूलने की बात कही लेकिन विपक्षी ने अधिक प्राप्‍त की गयी धनराशि को वापस करने से इनकार कर दिया। वाद कारण जनपद गाजीपुर के क्षेत्राधिकार में उत्‍पन्‍न हुआ है। विपक्षी द्वारा परिवादी को काफी परेशान किया गया है। उसे शारीरिक, मानसिक तथा आर्थिक क्षति हुई है जिसके लिए वह रू0 5,000/- तथा वाद व्‍यय के लिए रू0 1,000/- और अधिक प्राप्‍त की गयी धनराशि रू0 6100/- 10% ब्‍याज के साथ वापस पाने का अधिकारी है।

          विपक्षी को नोटिस तामील करायी‍ गयी। उसने अपने प्रतिवाद पत्र में केवल यह स्‍वीकार किया कि उसने प्रश्‍नगत टी0वी0 परिवादी को दिनांक 09-04-13 को रू0 57,000/- में विक्रय किया था। परिवाद पत्र में किये गये शेष कथनों को उसने स्‍वीकार नहीं किया है। विपक्षी की ओर से आगे कथन किया गया है कि परिवादी उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आता है और उसे परिवाद पत्र योजित करने का कोई वाद कारण प्राप्‍त नहीं है। दि0 09-04-13 को प्रश्‍नगत टी0वी0 की एम0आर0पी0 रू0 58,900/- थी, इस बावत सोनी कम्‍पनी द्वारा दि0 11-07-13 को एक प्रमाण पत्र भी निर्गत किया गया है। परिवादी को प्रश्‍नगत टेलीविजन दि0 09-4-13 को रू0 57,000/- में बेचा गया है। परिवादी से विपक्षी ने यह नहीं कहा कि बेबसाइट पर प्रदर्शित दर मान्‍य होती है और उसी दर पर सामान की बिक्री की जाती है। यदि बेबसाईट पर डाटा समय-समय पर अपडेट न किया जाय तो पुराना ही डाटा प्राप्‍त होता है जिसका अभिप्राय यह नहीं है कि विपक्षी उसी दर पर सामान बेचने को बाध्‍य है। विपक्षी सोनी कम्‍पनी का अधिकृत विक्रेता है । कम्‍पनी द्वारा समय-समय पर मूल्‍य सूची उपलब्‍ध करायी जाती है जिस पर सामानों की बिक्री की जाती है। यदि अपडेट नहीं कराये जाने के कारण बेबसाइट पर किसी समान की कीमत कम या अधिक लिखी है, तो इसका दायित्‍व विपक्षी पर नहीं है। दिनांक 09-04-13 को प्रश्‍नगत टी0वी0 की एम0आर0पी0 रू0 58,900/- थी जबकि विपक्षी ने प्रश्‍नगत टी0वी0 रू0 57,000/- में ही बेची थी। परिवादी द्वारा लगाये गये सम्‍पूर्ण आरोप निराधार व गलत हैं। मा0 राज्‍य अयेाग ने एक मामले में यह प्रतिपादित किया है कि इस मंच को इस प्रकार के मुकदमों को देखने का क्षेत्राधिकार नहीं है। विपक्षी की सेवा में कोई त्रुटि नहीं है और परिवादी का परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

     परिवाद पत्र के कथनों के समर्थन में परिवादी कॅुवर विजेन्‍द्र सिंह ने अपना शपथ पत्र 5ग प्रस्‍तुत करने के साथ ही साथ सूची 10ग के जरिये 3 अभिलेख पत्रावली पर उपलब्‍ध किये हैं ।

     विपक्षी ने प्रतिवाद पत्र के कथनों के समर्थन में सूची 16ग के जरिये एक अभिलेख पत्रावली पर उपलब्‍ध  किया है।

     परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में लिखित बहस 27ग पत्रावली पर उपलब्‍ध की हैं । विपक्षी ने अपनी ओर से लिखित बहस 26ग पत्रावली पर उपलब्‍ध की हैं ।

     पक्षों के विद्वान अधिवक्‍ता गण की मौखिक बहस विस्‍तार में सुनी गयी। उनके द्वारा प्रस्‍तुत साक्ष्‍यों तथा लिखित बहस का भी परिशीलन किया गया।

     परिवादी की ओर से कहा गया है कि दिनांक 09-04-2013 को प्रश्‍नगत  टेलीविजन की सोनी कम्‍पनी द्वारा निर्धारित एम0आर0पी0 रू0 50900/- थी जबकि विपक्षी ने इसे परिवादी को रू0 57000/- में बेचा था इस प्रकार परिवादी उपभोक्‍ता की श्रेणी में आता है। परिवादी की ओर से यह भी कहा गया है कि सोनी कम्‍पनी के अधिकृत विक्रेता होते हुए भी कम्‍पनी द्वारा निर्धारित एम0आर0पी0 से अधिक पर बेचकर सेवा में कमी की है और विपक्षी ने अनुचित ट्रेड प्रैक्टिस अपनायी है, इसलिए परिवाद पोषणीय है। उक्‍त तर्क का विरोध करते हुए विपक्षी की ओर से कहा गया है कि उसने कम्पनी द्वारा निर्धारित एम0आर0पी0 रू050900/ से कम रू0 57000/- में प्रश्‍नगत टेलीविजन बेचा है इसलिए उसके द्वारा न तो सेवा में कमी की गई है और न अनुचित ट्रेड प्रैक्टिस अपनायी गयी है।

     परिवादी ने अपने इस कथन कि दि0 09-04-13 को प्रश्‍नगत टेलीविजन की एम0आर0पी0 रू0 50900/-थी, के समर्थन में कागज संख्‍या 13ग उपलब्‍ध  किया है जो किसी बेबसाइट की प्रति है। विपक्षी की ओर से कहा गया है कि उक्‍त अभिलेख सेानी कम्‍पनी के अधिकृत बेबसाइट की प्रति नहीं है। उक्‍त अभिलेख के परिशीलन से प्रकट है कि Sony klv-40 Ex 430 को रू0 50900/- में बेचने का प्रस्‍ताव साहिल इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, 70/69 सरोजनी नगर मारकेट ने किया था तथा अन्‍य कई विक्रेताओं ने इसे क्रमश: रू0 51988/- 51990/- तथा 54900/- में विक्रय करने का प्रस्‍ताव किया था। इस प्रकार प्रकट है कि यह अभिलेख सोनी कम्‍पनी के अधिकृत बेबसाइट की प्रति नहीं है। परिवादी ने अन्‍य किसी अधिकृत विक्रेता का शपथ पत्र न‍हीं प्रस्‍तुत किया है जिसने दिनांक 09-04-13 को प्रश्‍नगत टेलीविजन की सोनी कम्‍पनी द्वारा निर्धारित एम0आर0पी0 रू0 50900/- बताई हो। इस प्रकार परिवादी के कथन के समर्थन में अन्‍य कोई विश्‍वसनीय साक्ष्‍य उपलब्‍ध नहीं है। ऐसी स्थिति में अभिलेख कागज संख्‍या 13ग के आधार पर यह नहीं माना जा सकता है कि दिनांक 09-04-13 को प्रश्‍नगत टेलीविजन की सोनी कम्‍पनी द्वारा निर्धारित एम0आर0पी0 रू0 50900/- थी । विपक्षी ने यह स्‍थापित करने के लिए कि दिनांक 09-04-13 को प्रश्‍नगत टी0वी0 की सोनी कम्‍पनी द्वारा निर्धारित एम0आर0पी0 रू0 58900/- थी, कागज सं017ग पत्रावली पर उपलब्‍ध किया है। इस अभिलेख केा सोनी इण्डिया प्रा0लि0 ने दिनांक 11-07-13 को जारी किया है और इस आशय की पुष्टि की है कि दिनांक 09-04-13 को प्रश्‍नगत   टेलीविजन की एम0आर0पी0 रू0 58900/- थी । इस अभिलेख का खण्‍डन करने के लिए परिवादी ने कोई अभिलेख प्रस्‍तुत नहीं किया है। ऐसी स्थिति में इस अभिलेख पर अविश्‍वास न करने का कोई कारण नहीं है । ऐसी स्थिति में  विपक्षी का यह कथन विश्‍वसनीय है कि दिनांक 09-04-13 को प्रश्‍नगत टेलीविजन की एम0आर0पी0 रू0 58900/- थी।

     1996 सी.एल.सी. 318 मे0 के.पी.चाको एण्‍ड सन्‍स बनाम ओ.एच सलीम आदि मामले में मा0 राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग केरल द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्‍त का सहारा लेते हुए विपक्षी की ओर से कहा गया है कि वस्‍तु का मूल्य उत्‍पादक/ विक्रेता के स्‍वविवेक पर निर्भर करता है, इसमें उपभोक्‍ता फोरम द्वारा हस्‍तक्षेप नहीं किया जा सकता। नि:सन्‍देह वर्तमान मामले में प्रश्‍नगत टेलीविजन के मूल्य की उपयुक्‍तता व औचित्य विचाराधीन नहीं है बल्कि केवल यह बिन्‍दु विचारणीय है कि क्‍या विपक्षी ने सोनी कम्‍पनी द्वारा निर्धारित एम0आर0पी0 से अधिक मूल्‍य परिवादी से प्राप्‍त किया है, ऐसी दशा में उक्‍त मामले में प्रतिपादित सिद्धान्‍त  यहॉ सुसंगत नहीं है।

     वर्तमान मामले में उपलब्ध साक्ष्‍य से प्रकट है कि दिनांक 09-04-13 को प्रश्‍नगत टेलीविजन का सोनी कम्‍पनी द्वारा निर्धारित एम.आर.पी. रू0 58900/- थी । स्‍वीकृत रूप से उक्‍त दिनांक को विपक्षी ने प्रश्‍नगत टेलीविजन रू0 57000/- में परिवादी को विक्रय किया था। इस प्रकार प्रकट है कि विपक्षी ने परिवादी से सोनी कम्‍पनी द्वारा निर्धारित एम.आर.पी. से अधिक मूल्‍य नहीं प्राप्‍त किया है। ऐसी दशा में विपक्षी द्वारा न तो सेवा में कमी किया जाना स्‍थापित है और न अनुचित ट्रेड प्रैक्टिस अपनाया जाना स्‍थापित है। मामले की इन परिस्थितियों में परिवादी प्रश्‍नगत धनराशि तथा मानसिक, शारीरिक कष्‍ट तथा वाद व्‍यय के रूप में कोई धनराशि विपक्षी से पाने का अधिकारी नहीं है और उसका परिवाद सव्‍यय अस्‍वीकृत होने योग्‍य है।

                             आदेश

 

     परिवादी का परिवाद विपक्षी को देय रू0 1000/- वाद व्‍यय सहित अस्‍वीकृत किया जाता है।

     इस निर्णय की एक-एक प्रति पक्षकारों को नि:शुल्‍क दी जाय।

निर्णय आज खुले न्‍यायालय में, हस्‍ताक्षरित, दिनांकित कर, उद्घोषित किया गया।

 
 
[JUDGES HONOURABLE MR Ram Prakash Verma]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Paramsheela]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. Manoj Kumar]
MEMBER

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